Tuesday 22 September 2020

actuality  ( कमरे की खामोशी..... )                

                actuality  ( जगह का विवरण करना )
                                     
                               कमरे की खामोशी.....
                  

                बाहर काफी तेज़ धुप थी | स्टेशन नज़दीक होने के कारन काफी शोरगुल था | हर कोई अपने में खोया हुआ था | कोई फोन पे बातें कर रहा है , कोई गप्प्पे लड़ा रहा है, कोई गन्ने का जूस पि रहा है | आसपास बस सड़के और सडकों की ऊपर दौड़ती हुई गाड़िया | मै किसी तरह से इस माहौल से बच निकला और एक २ मंज़िल वाली बिल्डिंग में घुस गया | वहां पर गेट भी लगा हुआ था | पहरेदार अपनी DUTY छोड़कर न जाने कहा भटक रहा था | बच्चे बाहार खेल रहे थे, बच्चों ने एक ही कलर की शर्ट और हाफ पैंट पहनी थी | फिर मैने एक कमरे का दरवाज़ा देखा। दरवाज़ा काफी बड़ा था, और खुला भी था। मै उस कमरे गया | कमरा काफी बड़ा था।वहां पर कोई नहीं था, सिवाय एक आदमी के उसने grey कलर का शर्ट और BLUE  कलर पैंट पहनी हुई थी | आदमी कमरे की चारों दिशाओं के चक्कर काट रहा था। चक्कर काटते हुए वो आदमी mobile फोन में कुछ देख रहा था। कमरे की दाई ओर  ५ खिड़की तो कमरे की बाई ओर ४ खिड़की ऐसी कुल मिलाकर ९ खिड़कियां थी | कमरे की दाएँ ओर की १ खिड़की  खुली थी, तो बाएं ओर की २ खिड़किया खुली थी| कमरे में एक छोटासा स्टेज भी था | स्टेज के पिछले हिस्से को मेहंदी कलर के प्लेन कपडे से सजाया था | स्टेज को टेबलों को बांधकर बनाया था | कमरे के अंदर २ प्लास्टिक की कुर्सियां और २ लकड़ियों की पुरानी कुर्सियां थी। सामने की तरफ दरवाज़े के दाईं ओर ४ लोहे के कपाट थे। उनमें से ३ का रंग light grey था, और एक का हरा। हरा रंग काफी गहरा था। बाईं तरफ एक बडासा चौड़ा टेबल था | कमरा पूरी तरह से खाली था |  पास में स्टेशन होने के कारन गाड़ियों की पि - पि , और बच्चो की खेल कूद की आवाज कमरे में गूंज रही थी | में जैसे ही कमरे घुसा, तो कमरे के अंदर मौजूद ठंडक ने मुझे अपनाया | मैने २ प्लास्टिक की कुर्सीयों में से एक कुर्सी उठाई, और ऊपर देखा तो छत पर पंखो ने अपना डेरा डाला हुआ था | फिर मै दाई और के खिड़की के पास बैठने जा रहा था की, वहा पर खिड़की में से किरणे होकर ज़मीन पे अपना कब्ज़ा जमा बैठी है | फर्श पर पड़ी हुई किरणों की चादर की वजह से मानो आसपास रोशनाई छाई हुई थी। मै कुर्सी लेकर आगे आया, तो ज़मीन पर पड़ी हुई किरने फर्श से होकर मेरे आखों पर आ टपकी | कुछ देर के लिए आँखों पर अंधेरा छा गया था | फिर वहां से में हट गया और कुर्सी को खिड़की की उलटी दिशा में रखकर पंखा चालू करने गया | जैसे ही मने बटन दबाया की पंखा खुद कि ओर चक्कर काटने लगा | पंखा चालू होने के बाद हवा का रूख धीरे धीरे बढ़ने लगा | धीरे धीरे हवा का स्पर्श मेरे बालों से लेकर मेरे पुरे बदन को छुने लगा | जैसे जैसे मै कुर्सी की ओर बढ़ने लगा वैसे वैसे हवा रुख बढ़ते जा रहा था | कुर्सी पर बैठने पर मैने अपना सारा वज़न कुर्सी को दे दिया | आँखे बंद की और अपने सिर कोे पिछे की तरफ झुकाया और एक लम्बी सांस ली | ऐसा करने से मुझे बड़ी राहत मिली | सांस लेने पर मुझे नाक से लेके गले तक  उसके अंदर जाने तक का एहसास हो रहा था, पर जब सांस बाहर छोड़ी तो उसका स्पर्श सिर्फ नाक को हुआ | मैने अपनी दिन भर की साड़ी थकन उस कुर्सी को दे दी थी | फिर मैंने आँखें खोली और हवा की ताज़गी को महसूस  करने लगा | मेरे पीछे और एक चौड़ा टेबल था। लेकीन वो पहले वाले से काफी छोटा था।
                   सारे कमरे मे सन्नाटा छाया हुआ था। सिर्फ आदमी के चलने से उसके पैरों में की चप्पल आवाज़ कर रही थी। बाहर का शोरगुल अब तक सुनाई दे रहा था। फिर एक आदमी प्लास्टिक की एक कुर्सी लेकर आया और रखकर चला गया। फिर grey शर्ट वाला बाहर गया। और जिसने कुर्सी रखी थी, वो आदमी अंदर आया। आदमी ने सफेद रंग की शर्ट, जिसपर सीधी काले रंग की रेखाएं थी, और काले रंग की पैंट पहनी थी। याने formal कपड़े पहने थे। पैरों में उसने office चप्पल पहनी थी। आदमी उस बड़े से दरवाजे के सामने मुंह करके एक पैर के ऊपर पैर डालकर कुर्सी पर बैठा। फिर एक औरत आई उसने हरे  रंग पंजाबी सूट पहना था। वो औरत कमरे की बाई ओर से यहां से वहां, वहां से यहां चल रही थी। उसने परों में चप्पल पहनी नही थी, पर उसने जो बंगड़ी पहनी थी उसमें से हल्किसी आवाज़ आ रही थी।
                   उसके बाद हवा का हल्कासा झोंका आया और मेरे बालों को बिगाड़कर चला गया। मैने अपने बाल ठीक किए, और कमरे की खामोशी को देखने लगा। हवा चल रही थीं, इसलिए कमरे की दाई ओर का छोटासा दरवाजा खुलने लगा। दरवाजा खुला होने पर, बैठा हुआ आदमी उठकर दरवाजे के पास गया और उसने दरवाज़े के बाहर झांककर देखा। और दरवाज़े को जोर से बंद किया। धड़ाम..... करके आवाज निकली। आवाज़ उस कमरे में गूंज उठी। फिर उसने दरवाज़े को अच्छे से बंद किया, और अपने कुर्सी पर जाकर बैठ गया। फिर मैने सामने की तरफ ऊपर देखा, तो एक बंद कपाट था। कपाट लकड़ी का था। उसके बीचोबीच कांच का आवरण लगाया । उसमे कुछ ट्रॉफियां, कुछ प्रमाणपत्र रखे थे। उसमे एक ट्रॉफी थी, जो बाकी ट्रॉफीयों से काफी बड़ी थी।
                      फिर मेरा ध्यान दरवाज़े की ओर गया। फिर grey शर्ट वाला आदमी हाथ में २ सफेद रंग की कुर्सीया लेकर आया। उसने एक कुर्सी को बड़े से दरवाज़े के बाई और रखा और दूसरी को बिल्कुल उसके सामने रखा। दरवाज़े की तरफ वाली कुर्सी पर बैठा और सामने वाली कुर्सी पर पैर रखकर सो गया।  अचानक देखा की, हवा का रुख़ कम हुआ। ऊपर देखने पर पंखा बंद हुआ था। बिजली चली गई थी। धीरे धीरे गरमी बढ़ने लगी। तभी एक लड़का उस बड़े से दरवाज़े से झांककर देख रहा था और फटसे वहां से भागा। फिर वही लड़का अपने साथ एक और लड़के को लेकर आया। दूसरा लड़का पहले वाले कि ऊंचाई से छोटा था। दोनों ने एक ही रंग के कपड़े पहने थे। पहला लड़का उस सफेद शर्ट (फॉर्मल कपड़े वाला) वाले आदमी से बातें करने लगा। लड़का बातें करते वक्त हंस रहा, लेकिन छोटा लड़का चुप था। फिर उस आदमी ने उनको जाने को कहा और अचानक ऊपर से जोर से घंटा बजने की आवाज़ सुनाई दे पड़ी। घंटे की आवाज़ सुनकर बच्चों की चीखने- चिल्लाने की आवाज़ आने लगी। बच्चों की आवाज़ में जोश था। फिर मै यहां वहां देखने लगा कि, दो लड़के आ गए। दोनों ही उछल कूद करते हुए आ रहे थे। उनके पीछे से दो लडकियां चलते हुए आ रही थीं। आते वक्त वो दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। फिर ३- फिर ४, ऐसे धीरे धीरे बच्चों की संख्या बढ गई। और कमरे की शांतता को भंग कर दिया। कुछ बच्चे स्टेज के ऊपर से दौड़ने लगे। दौड़तेे वक्त स्टेज के टेबल जोर जोर से हिलने लगे। जिससे जोर जोर से आवाज होने लगी। कुछ बच्चे फर्श पर दौड़ने लगे, फर्श पर दौड़ते वक्त उनके पैरों में से  चट- चट आवाज़ आ रही थीं। फिर भी grey कलर की शर्ट वाला आदमी इतने शोरगुल में अभी भी सो रहा था। इतने में हवा का रुख बढ़ गया। मैने पैर में से चप्पल निकाली। धीरे धीरे पैरों की गर्मी, हवा ने अपना ली, और पैरों को काफी ठंडक मिलने लगी। बाल हवा में झूमने लगे। बिजली आने पर बच्चे भी और जोर से शोर करने लगे, खेलने लगे।
            थोड़ी देर बाद वहां फिर से घंटा सुनाई दी। बच्चों का चीखना कम हुआ। एक एक करके सारे बच्चे उस कमरे से बाहर निकलने लगे। एक लड़का अपने दोस्त का हात पकड़कर ऊपर जाने के लिए कह रहा था। कुछ बच्चे एक दूसरे के गले में हात डालकर बाहर जाने लगे। लेकिन कुछ बच्चे अभी भी खेल रहे थे। यहां से वहां भाग रहे थे। एक दूसरे चिढ़ा रहे थे- चिख रहे थे। अचानक मेरे पीछे से आवाज़ आई।
आवाज़ थोड़ी भारी थी। मैने पीछे देखा, तो एक आदमी उन बच्चों को डांट रहा था। वो उन्हें ऊपर जाने के लिए कह रहा है। फिर बच्चे चुप- चाप एक साइड हो गए। और एक जगह बैठ गए। आदमी पीछे के दरवाज़े से चला गया। धीरे धीरे कमरे में शांति छाई। वहीं किरणे फिरसे जमीन पर आकर बैठ गई। हवा का स्पर्श फिरसे मुझे छूने लगा। बाल हवा में झूमने लगे। वही सन्नाटा, वही आवाज़े फिरसे आने लगी और एक बार फिरसे कमरे की खामोशी लौट आई।

Wednesday 9 January 2019

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 6

               
                    अब बात करेंगे Sound edit के बारे में उसके लिए इस्तेमाल करेंगे Adobe Audition ।

                                          Adobe Audition
    
              Zoom F8 के जरिए, Indoor - Outdoor के sound को capture किया ।  Mobile phone में आसपास की चीज़ो के बारे बोलकर खुद की आवाज़ को record किया । Audition में जाकर दोनो sound को import किया, और sound में जो noise होती है उसे मिटाने के लिए ।
          (  File import  > Select Voice > Noise Reduction > Capture Noise > Select All Noise > Apply >   )
यहाँ पर background Noise निकल गया ।
           Constant voice - जिसमें एक ही प्रकार का sound सुनाई देता है । जो sound ताल में बजता है । जैसे कि हवा, उसकी आवाज़ एक ही ताल में रहते है । constant voice का Noise remove कर सकते है ।
        Sound को select करने के बाद, backspace की दबाकर select किया हुआ Sound delete कर सकते है ।
         Audition में record की हुई आवाज़ को effect देकर उसे change कर सकते है । 


                  मोबाइल में record की हुई आवाज़ को Audition में Import करने के बाद जहाँ जहाँ background में Noise है, उसे मिटाया । यह सारी चीज़ें single Track पर बनाई । आगे जाकर,
                  Group में Audio story पर काम होने लगा । 5 लोगों ने मिलकर एक Story बनाई और उसे record किया ।
चलो मानते है कि , एक लड़का और लड़की चल रहे थे, तभी तेज़ बारिश होने लगी । वो दोनों भागते हुए किसी मकान के पास आ गए और छत के नीचे खड़े बारीश रुकने का इंतजार करने लगे ।
     यह एक कहानी है । कहानी को और रोमांचक बनाने के लिए, उसमे चलने का sound, बारिश का sound , भागने का sound ऐसे सभी sound को मिलाकर एक Audio story बनाई ।
कहानी में जहाँ दूसरे sound को लगाना ज़रूरी है  लगाना होगा । इससे आपकी Audio Story  सुनने वाले को और भी पसंद आएगा । यह सब संभव होगा Multitrack के सहारे । उसके लिए, ( File - New - Miltitrack session ) इसके के जरिए Sound को edit भी कर सकते है । 



Multitrack


जैसे कि cut ( Razzor tool : R ), Selection ( Selection tool : v ) भी कर सकते है । Audio को mp 3 के बजाए WAV में export करने से Audio Quality सबसे अच्छी होती है ।


#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 7

       

 
                        मै यहाँ पर Shooting Experience Share करना चाहूंगा ।  इस फ़िल्म का नाम है, "Spanish Guitar "
      फ़िल्म में 3 Actor थे, उनमेसे दो लोग Spain से आए हुए थे, और एक Indian ।


एक 'Proffessional Shoot' कैसा होता है उसके बारे में जाना । यहाँ पर फ़िल्म की research, Location, Indoor - Outdoor , Equipments, Story - Story Board आदि सारी चीज़ो की तैयारी कर दी ।
             Equipment को लेकर shoot करना शुरू किया । इसमे  यहाँ मैने Osmo camera पहली बार इस्तेमाल किया । उस camera की खासियत है कि , उसका focus adjust होने के बाद वो उसी चीज़ को follow करता है जो focus मे है । उसे joystick की तरह उसे घुमा सकते है । उसे mobile से connect करने के लिए DJI Go का app इस्तेमाल में लाना होगा ।
                इस फ़िल्म में मैने Asst. Director के तौर पर काम किया । मुझे वहाँ नई चीज़ समझ आई कि, हमे shot शाम का चाहिए था इसीलिए ऐसी जगह खोजी जहाँ शाम दिखा पाए । उसके लिए हमने घने पेड़ों की गिरी हुई छाँव, जिसका विस्तार 100 मीटर लंबा चाहिए था । ठीक वैसी जगह खोजकर Reflector का उपयोग किया, और कैमेरा में setting करने पर दिन को शाम में बदल दिया । 

      
               इसे RC Book कहते है । इसमें cameraman  पास जाकर उसने जो शॉट लिया उसका shot No. लिखना पड़ता है और साथ ही साथ उसने shot अच्छा लिया है या बुरा वो भी लिखना पड़ता है । 
    

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 8



                                             THE PITCH

             आज जानते है, फ़िल्म की pitching कैसी की जाती है । pitching करना बहुत ज़रूरी होता है ।  producer को ढूंढकर हमारे फ़िल्म की कहानी और उसका budget के बारे में बताना पड़ता है । एक बात हमेशा याद रखना की कभी भी फ़िल्म की, पुरी कहानी ना बताईगा । हमेशा कहानी को छोटी और सरल भाषा मे समझाना होगा ।  


              मेरे अनुभव के अनुसार, मै जब pitching के लिए गया तभी सारी चिज़ों का ध्यान रखा । जैसी की story छोटीसी थी और Budget भी उससे match कर रहा था । मैने एक Advertisement film बनाई । जिसे PSA ( Public Service Association ) कहते है । लेकिन मेरी select नही हुई, क्योंकि उसमें बहुत सी खामिया थी । budget का issue, story को थोडासा लंबा 
खींचना था ।  लेकिन एक बात हमेशा याद रखना producer कुछ भी बोलें, लेकिन हमें हमारी story में बदलाव नही करना है। अगर ज़रूरत पड़े तभी यह कदम उठा सकते है अन्यथा नही । उनकी राय जानकर उन्हें Thank you बोलीए और नया producer ढूंढ ले ।

Sunday 6 January 2019

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 5

             

                 आज जानते है, Mike और sound recorder के बारे में ।

गाने में जैसे lyrics होते है, ठीक वैसे ही Dialogue फ़िल्म के lyrics होते है और उन्हें record करने के लिए mike की जरूरत होती है ।

                                                Mike  

             Record करने के लिए मैने condenser mike और vocal mike का इस्तेमाल किया ।
          1) Condenser microphone : इसे studio mike के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह इसका इस्तेमाल अक्सर studio करते है । बात करें तो यह बंद कमरे में होता है, क्योंकि यह छोटी से छोटी आवाज़ को पकड़ लेता है । अक्सर यह किसी का song record करने के लिए, या फिर Dubbing के लिए इस्तेमाल होता है । recording के लिए इसे दो बाजू होती है, मैने behringer c3 जो एक अच्छा Condenser microphone है ।
        
         2 ) vocal mike : यह माइक हर जगह इस्तेमाल होता है , शादी - पार्टी आदि सभी जगह । यह  Condenser mike से बिलकुल अलग है, यह 360 sound record कर सकता है । यहाँ पर shure SM 48 का इस्तेमाल किया जो मेरे ख़्याल से एक बढ़िया microphone है ।

Pop filter और Windshield :-
           यह चीज़ें बहुत जरुरी होती है । mike के ऊपर देखे तो स्पंज या फिर कपड़े की कोई जाली होती है । इसका काम होता है की, mike में जब बोला जाता है तब मुँह से हवा बाहर आती है । उस हवा को रोकने का काम यह दोनों करते है ।

                Boom mike मे RODE कंपनी को सबसे श्रेष्ठ मन जाता है ।



Pop filter और Windshield 

           

Shotgun holder

Boom के अंदर एक mike holder होता है, उसे gutter कहते है । यह रबर बैंड का होता है,अगर यह plastic का होता तो उसमेंसे आवाज़ होती और sound record करने में problem होती, इसलिए वहाँ रबर का उपयोग किया जाता है ।

Boom pol. 

  


                                         Sound recorder 
          
          मैने Zooom F8 का इस्तेमाल किया है । इसमें एकसाथ 8 mike को जोड़ सकते है, उन्हें जोड़ने के लिए xlr cable का इस्तेमाल करते है । उस पर display होने के कारण उसे अपने हिसाब से adjust कर सकते है ।  vocal sound और background को अपने तरीके से control कर सकते है । इसके लिए वहाँ पर  frequency adjust करने के लिए बटन दिए है । उन्हें घुमाकर जब तक sound पसंद न आये, क्लियर न सुनाई दे तब तक adjust करना होगा । यहाँ 2 SD कार्ड लगा सकते है । उसका यह फायदा की यदि record करते वक्त पहला memory card full हो जाए तो मशीन ख़ुद दूसरा card activate कर लेती है । ताकि वो आगे का sound को रिकॉर्ड कर सके ।  device start करने के लिए हमे battery का इस्तेमाल करना होगा, इसे power देकर भी चालू कर सकते है । 


ZOOM F8

           इस recorder की price ज़्यादा है, इसलिए zoom H4N का इस्तेमाल कर सकते है । इसमें दो xlr cable जोड़ सकते है, यहाँ पर दो Mike जोड़ सकते है ।








Saturday 29 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 4



                        आज Food Photography  &  Street Photography के बारे में जानते है ।
                                      Food Photography :-
                 
             यहाँ पर मै बताना चाहूंगा कि सबकुछ जैसा दिखता है वैसा नही होता । मान लीजिये आप किसी food को online देखते हो । तब वो दिखने मे काफी सुंदर दिखाई देता है और वह देखकर हम online order करते है । लेकिन असल मे जैसे दिखता है, वैसा नही होता और उस जगह बेवकूफ जाते है । ऐसा इसलिए क्योंकि यह सारी चीज़ों Decorate किया जाता है ।
         Food Photography के लिए जरूरी नही की आपका camera सबसे अच्छा हो । आप अपने कम बजट वाले DSLR से भी बढ़िया से बढ़िया photo ले सकते हो । उसके लिए जरूरी है, आपकी framing, आपका Creative mind । वो इसलिए कि, आपके डिश को किस प्रकार Decorate करना है जिससे वो और भी attractive लगे, देखने वाले के मुंह मे पानी आ जाए ।




इस फोटो में दिखाई हुई brownie जो दिखने में काफ़ी सुंदर है । लेकिन यह सब कमाल Decorate करने के लिए इस्तेमाल की गई चिज़ों का है ।
अब यहां पुराने से gray color का कपड़ा इस्तेमाल किया गया है । जंग लगे हुए, या पुराने चमच्च । उस ब्राउनी को और Attractive दिखाने के लिए उसपर पिसी हुई चीनी डाली, जिससे brownie स्वादिष्ट और लज़ीज़ दिखें । decorate करते समय हमेशा color contrast पर ध्यान दे । इससे photo और भी आकर्षक लगेगी ।



   अब कुछ जरूरी बातें,
Food Photography में अगर ज़्यादा से ज़्यादा लकड़ी से बनाई हुई चिज़ों का इस्तेमाल करें, इसकी वजह से आपके photo की value और भी बढ़ जाएगी । पुराने News paper, पुराने कपड़े और अलग अलग फूल, यह भी आपके photo की value बढ़ाने में मदत करेगी ।
        अगर Natural light में photo निकालते है, तो photo की value 3/4 गुना और बढ़ जाएगी । क्योंकि Natural Light में Photo सबसे बढ़िया आती है । अगर वैसे ही आपको photo लेना है, तो आपको बहुत बड़ा लाइट का set-up करना होगा तभी उस तरह की photo ले पाते है । Natural light से आपका समय और और पैसा दोनो बच सकता है ।
Photo के अंदर और भी Detail में काम करना हो तो,  Adobe Light room का इस्तेमाल करें, क्योंकि वह Image के color को बड़े आराम से Capture कर लेता है ।

                                      Street Photography :-     



                            जैसे food photography होती है, उसी तरह street photography होती है । यहाँ चीज़ों को set नही कर सकते पर अपने angle को सही से set करने पर photo खींच सकते है । यह फोटो मेले में खींची हुई है , जिसमे तरह तरह के कंदील दिखाई दे रहे है । बात करे profession के बारे में, तो street photo अक्सर कोई news reporter लेते है । 

Friday 28 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 3




                                          Adobe premier pro
             
                     यहाँ में अपना अनुभव बताना चाहूंगा । फ़िल्म "चटनी" को edit किया । सबसे पहले फ़ाइल ( फ़िल्म ) को Import किया, और फिर उसे Drag किया और edit pannel पर लाकर छोड़ दिया । उसके बाद razzor tool के सहारे उसका पहला हिस्सा cut किया और वह कही और जोड़ दिया । फिर सारे credits को delete किया और खुद का Title Design किया और वहाँ उसे जोड़ दिया ।
                       उसके बाद  funny clip बनाने की कोशिश की, जैसे कि meme होते ठीक वैसे । उसके बाद  Travel shoot किया जैसे vlog होता है, ठीक वैसा ।  उसमे color effects डाल दिए, color के लिए सबसे best option है  " Three - way - color "  यहाँ से video को काफ़ी हद तक बढ़िया से बढ़िया effect दे सकते है । अगर editing pannel पर " Three - way - color "  का या किसी और Transition, effects pannel नही देखता है, तो ऊपर effects control पर क्लिक करने पर अंदर का Interface देख सकते है, edit कर सकते है।
             
अब बात करते है Story Board के बारे मे ।

                                                 Story Board

                 Film making में यह महत्वपूर्ण हिस्सा है , यह हमारा समय भी बचाता है और साथ ही साथ अगर Director कभी set पर ना होतो तो, DOP ( Cinematographer ) Story Board देखकर आगे का शूटिंग continue कर सकता है । Story Board  'Director' अपने नज़रियेसे बनाता है । script को देखकर वह फ़िल्म को देखता है, और अपने हिसाब Camera Angle - Scene Design कर लेता है । और उसका sketch बनवाता है ।
Example के लिए फ़िल्म Wednesday फ़िल्म को देख लेते है, जो नीरज पांडे द्वारा निर्देशित की गई है ।  (  https://youtu.be/Sox7KmmAEZI )
    Story board बनाने से पहले सबसे पहले script लिखी जाती है, उसके आधार पर story बोर्ड बनाया जाता है । मैने फ़िल्म की 6,7 मिनट की script बनाई ।


         
                  यह मैने बनाया हुआ story board है । इसे चार हिस्सों में बाँटा है । 【1】,【2】यह left में किया गया है, उसे हम shot बोलते है क्योंकि वहाँ पर angle change हुआ है । ठीक उसके नीचे Location का नाम, उसकी length, और S. D. का मतलब scene describe करना | यहाँ पर मैने 5 से 6 
               अब यहाँ जब एक आदमी ( Commissioner ) समंदर के किनारे खड़ा है, ठीक उसके पीछे सड़क के किनारे police van और ambassador car खड़ी है । उसी वक्त एक हवलदार कुर्सी लेकर भागता हुआ, उस आदमी के पास देता है ।
इस तरह पहले scene को दूसरे शॉट में describe किया है । ठीक उसी location के कारण scene वही है, लेकिन camera angle चेंज किया है । अगले scene में location change है, और किरदार ( बुड्ढा ) की पहचान कराने के लिए काफ़ी सारे शॉट्स लिए, इसे B roll कहते है । इसीलिए वहाँ पर 3 हिस्से किए और ढ़ेर सारे शॉट्स लिए, उन शॉट को "Montage" कहते है ।


              अब यहाँ पुलिस चौकी के अंदर scene है, लेकिन उसमे 3 शॉट है । 1 शॉट में पुलिस चौकी के कामकाज़ को बताया है ।
 दुसरे शॉट में inspector और FIR दर्ज करने वाले आदमी का शॉट लिया । यहाँ पर भी 3 हिस्से किए, क्योंकि एक बार आदमी की बातचीत फिर Inspector की बातचीत को दिखाया गया और साथ ही साथ एक शॉट दुरसे लिया गया । यहाँ close up लिया गया है, और एक शॉट wide angle से यह शॉट मैने अपने हिसाब से design किया है । अब इन तीनों शॉट के scene का conversation 2, 3 Min. का है , इसीलिए उसके S.D. में continues लिख देंगे क्योंकि उन्ही दो लोगों का शॉट लिया है ।
अब तिसरे शॉट में Shot No. 1 शॉट बताया है, और वहाँ पर वह बुड्ढा आदमी दरवाज़े से enter होता है ।
           तो इस तरह Director Story को देखा जाता है और story board बनाकर shooting का काम करता है । story board लगभग set पर मौजुद सभी लोगों के पास होता है, ताकि सबको पता चले कि scene - shot किस तरह लेना है । इससे समय के साथ साथ शूटिंग करने मेंं आसानी होती है ।




actuality  ( कमरे की खामोशी..... )                

                actuality  ( जगह का विवरण करना )                                                                      कमरे की खामोशी........