Saturday 29 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 4



                        आज Food Photography  &  Street Photography के बारे में जानते है ।
                                      Food Photography :-
                 
             यहाँ पर मै बताना चाहूंगा कि सबकुछ जैसा दिखता है वैसा नही होता । मान लीजिये आप किसी food को online देखते हो । तब वो दिखने मे काफी सुंदर दिखाई देता है और वह देखकर हम online order करते है । लेकिन असल मे जैसे दिखता है, वैसा नही होता और उस जगह बेवकूफ जाते है । ऐसा इसलिए क्योंकि यह सारी चीज़ों Decorate किया जाता है ।
         Food Photography के लिए जरूरी नही की आपका camera सबसे अच्छा हो । आप अपने कम बजट वाले DSLR से भी बढ़िया से बढ़िया photo ले सकते हो । उसके लिए जरूरी है, आपकी framing, आपका Creative mind । वो इसलिए कि, आपके डिश को किस प्रकार Decorate करना है जिससे वो और भी attractive लगे, देखने वाले के मुंह मे पानी आ जाए ।




इस फोटो में दिखाई हुई brownie जो दिखने में काफ़ी सुंदर है । लेकिन यह सब कमाल Decorate करने के लिए इस्तेमाल की गई चिज़ों का है ।
अब यहां पुराने से gray color का कपड़ा इस्तेमाल किया गया है । जंग लगे हुए, या पुराने चमच्च । उस ब्राउनी को और Attractive दिखाने के लिए उसपर पिसी हुई चीनी डाली, जिससे brownie स्वादिष्ट और लज़ीज़ दिखें । decorate करते समय हमेशा color contrast पर ध्यान दे । इससे photo और भी आकर्षक लगेगी ।



   अब कुछ जरूरी बातें,
Food Photography में अगर ज़्यादा से ज़्यादा लकड़ी से बनाई हुई चिज़ों का इस्तेमाल करें, इसकी वजह से आपके photo की value और भी बढ़ जाएगी । पुराने News paper, पुराने कपड़े और अलग अलग फूल, यह भी आपके photo की value बढ़ाने में मदत करेगी ।
        अगर Natural light में photo निकालते है, तो photo की value 3/4 गुना और बढ़ जाएगी । क्योंकि Natural Light में Photo सबसे बढ़िया आती है । अगर वैसे ही आपको photo लेना है, तो आपको बहुत बड़ा लाइट का set-up करना होगा तभी उस तरह की photo ले पाते है । Natural light से आपका समय और और पैसा दोनो बच सकता है ।
Photo के अंदर और भी Detail में काम करना हो तो,  Adobe Light room का इस्तेमाल करें, क्योंकि वह Image के color को बड़े आराम से Capture कर लेता है ।

                                      Street Photography :-     



                            जैसे food photography होती है, उसी तरह street photography होती है । यहाँ चीज़ों को set नही कर सकते पर अपने angle को सही से set करने पर photo खींच सकते है । यह फोटो मेले में खींची हुई है , जिसमे तरह तरह के कंदील दिखाई दे रहे है । बात करे profession के बारे में, तो street photo अक्सर कोई news reporter लेते है । 

Friday 28 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 3




                                          Adobe premier pro
             
                     यहाँ में अपना अनुभव बताना चाहूंगा । फ़िल्म "चटनी" को edit किया । सबसे पहले फ़ाइल ( फ़िल्म ) को Import किया, और फिर उसे Drag किया और edit pannel पर लाकर छोड़ दिया । उसके बाद razzor tool के सहारे उसका पहला हिस्सा cut किया और वह कही और जोड़ दिया । फिर सारे credits को delete किया और खुद का Title Design किया और वहाँ उसे जोड़ दिया ।
                       उसके बाद  funny clip बनाने की कोशिश की, जैसे कि meme होते ठीक वैसे । उसके बाद  Travel shoot किया जैसे vlog होता है, ठीक वैसा ।  उसमे color effects डाल दिए, color के लिए सबसे best option है  " Three - way - color "  यहाँ से video को काफ़ी हद तक बढ़िया से बढ़िया effect दे सकते है । अगर editing pannel पर " Three - way - color "  का या किसी और Transition, effects pannel नही देखता है, तो ऊपर effects control पर क्लिक करने पर अंदर का Interface देख सकते है, edit कर सकते है।
             
अब बात करते है Story Board के बारे मे ।

                                                 Story Board

                 Film making में यह महत्वपूर्ण हिस्सा है , यह हमारा समय भी बचाता है और साथ ही साथ अगर Director कभी set पर ना होतो तो, DOP ( Cinematographer ) Story Board देखकर आगे का शूटिंग continue कर सकता है । Story Board  'Director' अपने नज़रियेसे बनाता है । script को देखकर वह फ़िल्म को देखता है, और अपने हिसाब Camera Angle - Scene Design कर लेता है । और उसका sketch बनवाता है ।
Example के लिए फ़िल्म Wednesday फ़िल्म को देख लेते है, जो नीरज पांडे द्वारा निर्देशित की गई है ।  (  https://youtu.be/Sox7KmmAEZI )
    Story board बनाने से पहले सबसे पहले script लिखी जाती है, उसके आधार पर story बोर्ड बनाया जाता है । मैने फ़िल्म की 6,7 मिनट की script बनाई ।


         
                  यह मैने बनाया हुआ story board है । इसे चार हिस्सों में बाँटा है । 【1】,【2】यह left में किया गया है, उसे हम shot बोलते है क्योंकि वहाँ पर angle change हुआ है । ठीक उसके नीचे Location का नाम, उसकी length, और S. D. का मतलब scene describe करना | यहाँ पर मैने 5 से 6 
               अब यहाँ जब एक आदमी ( Commissioner ) समंदर के किनारे खड़ा है, ठीक उसके पीछे सड़क के किनारे police van और ambassador car खड़ी है । उसी वक्त एक हवलदार कुर्सी लेकर भागता हुआ, उस आदमी के पास देता है ।
इस तरह पहले scene को दूसरे शॉट में describe किया है । ठीक उसी location के कारण scene वही है, लेकिन camera angle चेंज किया है । अगले scene में location change है, और किरदार ( बुड्ढा ) की पहचान कराने के लिए काफ़ी सारे शॉट्स लिए, इसे B roll कहते है । इसीलिए वहाँ पर 3 हिस्से किए और ढ़ेर सारे शॉट्स लिए, उन शॉट को "Montage" कहते है ।


              अब यहाँ पुलिस चौकी के अंदर scene है, लेकिन उसमे 3 शॉट है । 1 शॉट में पुलिस चौकी के कामकाज़ को बताया है ।
 दुसरे शॉट में inspector और FIR दर्ज करने वाले आदमी का शॉट लिया । यहाँ पर भी 3 हिस्से किए, क्योंकि एक बार आदमी की बातचीत फिर Inspector की बातचीत को दिखाया गया और साथ ही साथ एक शॉट दुरसे लिया गया । यहाँ close up लिया गया है, और एक शॉट wide angle से यह शॉट मैने अपने हिसाब से design किया है । अब इन तीनों शॉट के scene का conversation 2, 3 Min. का है , इसीलिए उसके S.D. में continues लिख देंगे क्योंकि उन्ही दो लोगों का शॉट लिया है ।
अब तिसरे शॉट में Shot No. 1 शॉट बताया है, और वहाँ पर वह बुड्ढा आदमी दरवाज़े से enter होता है ।
           तो इस तरह Director Story को देखा जाता है और story board बनाकर shooting का काम करता है । story board लगभग set पर मौजुद सभी लोगों के पास होता है, ताकि सबको पता चले कि scene - shot किस तरह लेना है । इससे समय के साथ साथ शूटिंग करने मेंं आसानी होती है ।




Thursday 27 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 2

     
                   इस session मे Editing के बारे में जानते है। photoshop और premiere pro दोनो भी professional software है । एक फोटो के लिए और दूसरा editing के लिए ।
                         
                                     Adobe Photoshop

                इसमे हम फ़ोटो को edit कर सकते है । फोटो का कलर बदलना, फोटो का background बदलना, किसी इंसान को और भी खूबसूरत बनाना । ऐसे बहुत से काम photoshop में होते है
Photoshop दो चिज़ों में होता है ,inches और pixel ।
Inches  में हम बड़े बड़े flegs , banners बनाये जाते है ।
Pixel में हम image के pixel पर काम करते है ।
जो हम internet पर , Digital की तौर पर इस्तेमाल करते है । वहाँ RGB color उपयोग किया जाता है ।
वहाँ मैने resolution 72 का किया ।
और CMYK में हम print paper बनाते है । जैसे कि अख़बार, क़िताब आदि चीज़े ।
वहाँ मैने CMYK का resolution 300 लिया ।


सारे काम हमे layers पर करने है।
अगर किसी shape tool से shape बनाते है, तो उसे deselect करने के लिए ctrl + D key
Shape को resize करने के लिए ctrl + T key
Deselect के बाद अगर हम उस shape को फिरसे select करना चाहते है तो , हम layer पर 【  】इस box को right क्लिक करने पर selection pixel
Shape में color fill करना हो तो ctrl + backspace और ctrl + alt key
सिर्फ backspace key से हम deselect किए हुए पार्ट को delete करने पर सिर्फ वही हिस्सा होगा जो हमने select किया था और बाकी background वैसा ही रहेगा ।

इसमें layer एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। layer मानो तो एक के ऊपर एक चित्र । हमेशा कोई भी नई चीज़ नए layer पर बनाये, इसकी वजह से हम उस layer में जाकर उस चीज़ में आसानी से changes कर सकते है । 
Undo के लिए ctrl + alt + z
Inverse Selection के लिए ctrl + shift + I
Reverse selection के लिए ctrl + shift + I
आगे उसमे कई प्रकार के tools है  - जैसे कि, lasso tool, pen tool , eye droper आदि tool के बारे में जाना ।
अधिक जानने के लिए आपको एक एक tool की practice करनी होगी, या फिर आप online tutorial देख सकते है ।


              यह मैने photoshop के जरिए बनाया हुआ Assignment है । इसे बनाने के लिए मैने Different टाइप के Images को Download करने के बाद उनके ज़रूरी हिस्से को उसमे add कर दिया, जैसे कि cadburry का उपर का कव्हर । इसे मिलने के लिए दो Images को लिया । कव्हर का एक हिस्सा eraser tool  से मिटाकर उसके उपर मैने एक फटे हुए कव्हर पर जोड़ दिया । caburry को बनाने के लिए मैने एक square बनाकर layer के यहाँ Fx में जाकर Bevel & Emboss पर क्लिक किया । फिर अपने हिसाब से adjust करने पर उसे effect दे दिया । जितना आप edit करते जाओगे उतना आपको मज़ा आएगा ।

                                    Adobe premier pro

        Premier pro में हम video edit कर सकते है। यानी के video को effects दे सकते है, जितना हिस्सा हमे चाहिए उसे रखकर बाकी हिस्सा delete मार सकते है,  उसे किसी और हिस्से से जोड़ सकते है, आदि बहुत सी चीज़ें है जो आपको practice करने पर आ जाएगी ।
    Title देने के लिए ( File - New - Legacy Title ) और Title को Disign करने के बाद close करें और फिर media library में हमे अपना Title मिल जाएगा ।
अब आते है, Sequence पर  ( File - New - Sequence )
            सरल भाषा मे बात करें, समझो एक police station है और उसके सारे scene एक साथ लिए और उन्हें edit किया। फिर जहाँ video का path होगा वहाँ जाकर उसकी properties देखें। वहाँ उसकी width, height , frame rate देखकर  Sequence select करें । उसके बाद Media library में पहले video का जो नाम था । उसके नाम से एक पूरा video याने के पुरा scene बन जाएगा ।
अब ऐसा करने से हमे एक फायदा है, की हम अलग अलग scene को एक के बाद एक combine कर सके ।


              इस तरह यह दोनों software , professional level पर इस्तेमाल करते है । photo edit करना, video edit करना, आदि सभी काम इन दोनों software किए जाते हैं। इन दोनों में एक साम्य है कि, हम वहाँ layer होता है । यह एक creative work होने के कारण, आपको इसकी ज़्यादा से ज़्यादा practice करनी होगी ।




Wednesday 26 December 2018

#Session pura filmy hai ( Kolkata ) - 1

                  कोलकाता जिसे हम city of joy के नाम से जाना जाता है। आज हम सारे फ़िल्म मेकर्स इस जगह हमारी advance training  लेने आए है ।
हम जहाँ पर अपनी training जारी रखेंगें उस जगह का नाम "प्रयासम" ।
                    
          https://www.prayasam.org यह वहाँ की official website है।
तो आज हमने script को जानने की कोशिश की। यदि script कैसी लिखी जाती है यह जानना है तो , इस link के ऊपर click कीजिए।
    http://abhiwaghmare.blogspot.com/2018/06/session-pura-filmy-hai-2.html?m=1
         
                                              Ashomoy 


       

          यह एक बंगाली short फ़िल्म (अशोमोय ) का teaser है।
   अगर इसके असली scirpt पर गौर किया जाए तो यह 2,3 घंटे की फ़िल्म है। लेकिन इसे बखूबी से विषय को ना भटकाते हुए, 8 मिनट में ख़त्म किया। तो director कि यह काबिलियत, या फिर उसकी सुझबुझ के वजह से हो पाया। तो हमेशा फ़िल्म की स्टोरी छोटी और crispy होनी चाहिए । जिसके वजह से देखने वाला पछताये ना ।

Documentary जिसमे हम असलियत दिखाते है, 
लेकीन इस में दो प्रकार होते है।
1)  वही actor होता है, वही place वहाँ पर शूटिंग किया जाता है। जैसे कि Discovery channel की Documentary ।
2) इसमे हम कोई और actor, कोई और जगह पर शूटिंग करते है। जैसे कि biopic फ़िल्म ।
         
                  आगे जाकर हम कोलकाता की गलियों में घूमने लगे क्योंकि यह भी हमारे training का हिस्सा था । आगे जाकर हम उसी जगह पर फ़िल्म बनाने वाले है । इसीलिए हम वहाँ camera लेकर पहुंचे ताकि, location भी हमे याद रहे और शूटिंग के दौरान कोई दिक्कत ना आए । इससे time बचेगा और scene शूट करने में आसानी होगी ।


actuality  ( कमरे की खामोशी..... )                

                actuality  ( जगह का विवरण करना )                                                                      कमरे की खामोशी........