Tuesday 13 February 2018

51 shots ( First Assignment )

इस फिल्म को बनाने के लिये बडा मज़ा आया। जिस तरह ठान लिया कि कुछ भी हो, फिल्म बढ़िया होनी चाहिए तो उसके लिये बढ़िया शॉट्स होने भी तो होने चाहिए। मैने मरीनड्राईव्ह, वहां के रास्ते, ट्रेन का सफर, दोस्ती कि मस्ती यह सारी चिज़ो को अपने प्रोजेक्ट मे शामिल कर लिया।
असली मज़ा तो तब आया जब विडिओ को संग्रह बनाने के बाद उसके background मे एक मस्ती भरी धुन डाली और विडिओ को effects देकर उन्हें attractive बनाया। स्टोरी को लगभग 13 मिनट का बनाया। शुरवात में अपना छोटासा एक introduction वर फिर जितने भी छोटे छोटे विडिओ शूट किये उसका एक संग्रह बनाकर खुद कि फिल्म को बनाना। हर छोटेसे विडिओ मे Start- Middle- End होना चाहिये और ऐसे 50 विडिओ चाहिये थे।जिसमे शुरवात का introduction मिलाकर 51 shots बनते हैं। मैने 51 से भी ज्यादा विडिओ को add किया और और उस कि एक फिल्म बनाई। बनाने के बाद काफी अच्छा लगा, क्योंकी मैने जैसे चाहिये थी वैसे बनाई थी।
                    लेकिन जब हमारे instructor ने फिल्म देखी तो उन्होने फिल्म को छोटा बनाकर करीब 5 मिनट क
कि बनाने के लिये कहा। अब तो मुझ पर बडा संकट आया, क्योंकी मैने फिल्म बनाने के बाद वो सारे विडिओ delete कर दिये। फिर मैने  कुछ नए विडिओ लिये, और विडिओ cut मैने अपनी 13 मिनट वाली फिल्म से लिए। इस बार उसमे ना effect चाहिये थे ना कुछ। बस एक टायटल और फिल्म किसने बनाई उसका नाम। background मे खुद ने बनाई हुई धुन, और जो रेकॉर्डर से रेकॉर्ड कि हुई आवाज़े उसमे डालनी थी। अपनी फिल्म को बेहतर बनाने के लिए, उसे स्टोरी के हिसाब जोड दिया। background मे अपनी आवाज़ देकर, और रेकॉर्डर कि आवाज को मिलाकर विडिओ के हिसाब से जोडकर फिल्म को बनाया। जब पुरी फिल्म बनाई तो उसे देखने के बाद, वह पहले से भी ज्यादा अच्छी बनी थी।
                    

No comments:

Post a Comment

actuality  ( कमरे की खामोशी..... )                

                actuality  ( जगह का विवरण करना )                                                                      कमरे की खामोशी........